वंदे मातरम्,
इंकलाब जिंदाबाद जब हम यह नारा लगाते हैं तो क्या याद आता है, हमे याद आता है चंद्रशेखर आज़ाद जी, भगत सिंह जी, राम प्रसाद बिस्मिल जी ,अशफाक उल्ला खान जी और उनकी कुर्बानी बहादुरी और बुद्धिमानी।
HSRA का नाम सुनते ही जो हमें सबसे पहले याद आता है वो है क्रान्तिकारियों कि देशभक्ति और बहादुरी कि ज्वाला।
HSRA सिर्फ एक संघ नही एक शिक्षा का बिंदु है, हमारे लिए। HSRA का हर क्रान्तिकारी हमें कुछ ना कुछ सीखता है। HSRA कि कुर्बानी हमारे अंदर देश भक्ति का ज्वाला जागता है, और जब हम इंकलाब ज़िंदाबाद बोलते हैं तो हमें लगता है कि हम एक सैनिक हैं।
HSRA हमें बलिदानी और पराक्रम और भी बहुत सारी बाते सीखता है।
"वो ना रुके जो सपने इंकलाब के देखे थे,
उनके मूँछ के ताओ के आगे घुटनें अंग्रेजो ने टेके थे।।
Sol. मुख्तार अली
क्रान्तिकारी सैनिक "HSRA"
हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक संघ
Hindustan Socialist Republican Army 

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